Friday, 17 March 2017

कुडमी बोट बिखरा हुआ है ।

बिनोद बाबु के बाद कुडमी समाज मे सर्वमान्य नेता का अभाव है जिस कारण कुडमी बोट बिखरा हुआ है ।इसका एक कारण ये भी है कि वर्तमान में जितने भी कुडमी राजनेता है लगभग सभी स्वार्थी  सत्तालोलुप  और पद पावर  और पैसा के पीछे भागने वाले है ।पर  आम कुडमी  इनसे इत्तेफाक नही रखते हैं । कुडमी नेतृत्व के प्रति आम कुडमी मे काफी रोष है यही कारण है कि कुडमी बहुल क्षेत्रों में भी कोई कुडमी नेता जीत नही पाता है ।कुडमी अपनी खीझ निकालने के लिए उसे ही वोट करते हैं जो कुडमीनेतृत्व को हरा सके ।सबक सिखाने की  इसी प्रवृत्ति का फायदा कही कही भाजपा को भी मील जाती है, बस ।जरूरत है झारखंडियो की बिना भेदभाव वाली एकता का,साथ ही टीकट बटवारे में जातीय समीकरण के साथ साथ योग्य  उम्मीदवार चयन की, ताकि लोगों को यह न लगे कि हमपर  उम्मीदवारथोपा जा रहा है या हम केवल वोटमरवा बनाकर रह गये है ।फिर परिणाम देखिए ।
----- Dr Rakesh Mahato

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