Friday, 23 September 2016

कुड़मी गौरव बिनोद बिहारी महतो के 95वीं जयंती पर विशेष

झारखंड आंदोलन के अजेय योद्धl कुड़मी  गौरव बिनोद बिहारी महतो के 95वीं जयंती पर विशेष
>
> झारखंड आंदोलन कुड़मी बन्धु प्रणेता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के
संस्थापक बाबू बिनोद बिहारी महतो की 95वीं जयंती मनाई जा
रही है. जिनके नेतृत्व में शोषण मुक्त झारखंड के निर्माण के
लिए,हजारों जनआंदोलन व अनगिनत लड़ाईयां लड़ी गई.बिनोद
बाबू झारखंड में क्रातिकारी परिवर्तन लाना चाहते थे. शोषित,
पीड़ित लोग सामाजिक, राजनीतिक प्रतिष्ठा प्राप्त करे.
बेरोजगारी, बिस्थापन, और झारखंडी अस्मिता की रक्षा के
लिए , जल, जंगल, जमीन पर हक के साथ साथ भाषा, संस्कृति
और शिक्षा के बिकास के लिए हमेशा संघर्षरत रहे. थे .
बहुमुखी प्रतिभा के धनी बिनोद बाबू ने सिर्फ राजनीतिक
आंदोलन ही नही शिवाजी समाज का गठन कर कुरीतियों को दूर
करने एवं पढ़ो और लड़ो का नारा देकर शैक्षणिक क्रांति लाने
के लिए अपने जीवनकाल में 32 से अधिक स्कूल और कॉलेज की
स्थापना की.




> राजनीतिक जीवन - बिनोद बाबू का राजनीतिक जीवन हमेशा
उतार चढ़ाव रहा.जीवनभर शोषित, पीड़ित लोगों के हक अधिकार
की रक्षा के लिए लड़ते रहे. चाहे कोयले की खान पर काम करने
वाले मजदूर हो, खेतों में काम करने वाले किसान हो, दिहाड़ी
मजदूर हो. सूदखोरों, महाजनों के खिलाफ़ संघर्ष चलता रहा.
कभी उधोग धंधे, कल कारखाने से बिस्थापन, बेरोजगारी और
पुलिसिया दमन के खिलाफ झारखंडी जनमानस में जो आक्रोश
पनपा वो आगे चलकर बृहदरूप से एक आंदोलन का रूप ले लिया.
बिनोद बाबू की परिकल्पना थी की झारखण्ड अलग राज्य मिलने
से ही झारखण्ड की जनता को हक, अधिकार मिल सकेगी. वर्ष
1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े, और धनबाद
लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1967,1971 मे चुनाव लड़े. लेकिन
सफलता नहीं मिली. पार्टी से मोहभंग होने के बाद 4फरवरी
1974 को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की.यह
झारखंड आंदोलन का तीसरा चरण था. अलग राज्य के आंदोलन
को एक नया मोड़ मिला. बिनोद बाबू टुण्डी बिधानसभा से दो
बार व सिंदरी बिधानसभा क्षेत्र से एक बार वर्ष 1991 में
गिरीडीह लोकसभा क्षेत्र से एक बार प्रतिनिधित्व का मौका
मिला. लेकिन झारखंड आंदोलन के अजेय योध्दा का 18 दिसंबर
1991 सामाजिक शाम दिल्ली स्थित सांसद आवास में उनकी
ह्रदय गति रूक जाने से हो गई. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं
हैं लेकिन उनके बिचार, आदर्श व जीवन चरित्र हमेशा प्रेरणा
देती रहेगी.....
Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: