"स्व0 बिनोद बाबु को समर्पित"
..........गीत.......
बिनोद बाबूक बातें, शिक्षित होवा घारें-घारें ।
मूरुख रहिया ना आर केउ,
ना त करभे फेउ-फेउ ।
करल धरल जीतो, सोभे पुराय ।।
हाथेँ धारा लाठि, निजें करा रखवाली,
छाड़ा दलालेकर संग,
ना त करतोउ बड़ि तंग ।
अरजल धन टा देतो, सोभें पुराय ।।
करा संगे युगति,
बइसा एक खाटी ।
अलग रहा ना आर केउ,
ना त करभे फेउ-फेउ ,
"काली" चरनेक धीरजाय, घुन: लागि जाय ।।
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स्व0 बिनोद बाबु अमर रहे ।
स्व0 बिनोद बिहारी महतो के चरणों में शत शत नमन ।
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